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लेखक:

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह

जन्म: 29 जून, 1936, बरौनी गाँव (बिहार)।

शिक्षा: पटना विश्वविद्यालय से 1959 में हिंदी एम.ए. की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार पाठ्यक्रम में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पद से सेवानिवृत्त। आजकल जनवादी लेखक संघ के महासचिव और ‘नया पथ’ के संपादक।

कृतियाँ:

  • (1) आधुनिक साहित्य: विवाद और विवेचना
  • (2) पाश्चात्य दर्शन और सामाजिक अंतर्विरोध (सं.)
  • (3) प्रेमचंद: विगत महत्ता और वर्तमान अर्थवत्ता (सं.)
  • (4) श्रीलाल शुक्ल: जीवन ही जीवन (सं.)
  • (5) 1857: बग़ावत के दौर का इतिहास (सं.)
  • (6) देवीशंकर अवस्थी निबंध संचयन (सं.)
  • (7) हिंदी-उर्दू: साझा संस्कृति (सं.)
  • (8) पूंजीवाद और संचार माध्यम (सं.)
  • (9) समाजवाद का सपना (सं.)
  • (10) ‘जाग उठे ख़्वाब कई’ नामक साहिर लुधियानवी की रचनाओं का संचयन-सम्पादन
  • (11) 1857: इतिहास और संस्कृति
  • (12) हद से अनहद गए (प्रभाष जोशी स्मृति संचयन) (सं.)।

1857 इतिहास कला साहित्य

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह

मूल्य: Rs. 400

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नागार्जुन : अंतरंग और सृजन-कर्म

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह

मूल्य: Rs. 600

यह किताब नागार्जुन के कृतित्व के विविध पक्षों को उद्घाटित करती है, इसीलिए यह अपनी सार्थकता रखती है

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प्रगतिशील सांस्कृतिक आन्दोलन

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह

मूल्य: Rs. 250

प्रस्तुत पुस्तक प्रगतिशील आंदोलन की इसी निरंतरता पर भी केंद्रित है। सांगठनिक धरातल पर आंदोलन के विकास की रूपरेखा बताने तथा संभावनाएँ तलाशनेवाले लेखों के साथ-साथ कुछ महत्त्वपूर्ण समकालीन रचनाकारों व रंगकर्मियों के द्वारा अपने-अपने सांस्कृतिक कर्म में प्रगतिशील आंदोलन का प्रभाव बतानेवाले आत्मकथ्य भी हैं।

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प्रेमचंद : विगत महत्ता और वर्तमान अर्थवत्ता

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह

मूल्य: Rs. 250

दस्तावेज़ी महत्त्व के साथ-साथ यह पुस्तक प्रेमचन्द के पाठकों के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

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